Pradhan Mantri Shram Yogi Mandhan Yojana: प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (Pradhan Mantri Shram Yogi Mandhan Yojana) एक ऐसी जरूरी योजना है, जो असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत, सरकार असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने ₹3000 की मासिक पेंशन प्रदान करती है। यह योजना विशेष रूप से उन श्रमिकों के लिए बनाई गई है, जिनके पास भविष्य के लिए कोई निश्चित आय का स्रोत नहीं होता।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से, सरकार उन श्रमिकों की मदद करती है, जो अपने काम से जुड़े जोखिमों और कठिनाइयों के बावजूद भविष्य के लिए कोई निश्चित बचत नहीं कर पाते। योजना का लक्ष्य है कि वृद्धावस्था में ये श्रमिक आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बन सकें, जिससे वे बिना किसी पर निर्भर हुए अपना जीवन यापन कर सकें।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लाभ
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के कई जरूरी लाभ हैं, जो श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- इस योजना के तहत, 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद श्रमिक को हर महीने ₹3000 की पेंशन मिलती है।
- वृद्धावस्था में पेंशन की नियमित आय से श्रमिकों को आर्थिक स्वतंत्रता मिलती है, जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
- यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके जीवन साथी को आधी पेंशन (₹1500 प्रति माह) प्रदान की जाती है, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहती है।
- इस योजना के तहत सरकार द्वारा पेंशन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहती है।
- यदि कोई श्रमिक इस योजना से 10 वर्ष की अवधि से पहले ही बाहर निकलना चाहता है, तो उसे उसका अंशदान और उस पर सेविंग बैंक की दर से ब्याज वापस किया जाता है। अगर श्रमिक 10 वर्ष के बाद लेकिन 60 वर्ष से पहले निकासी करता है, तो उसे उसके अंशदान के साथ संचित ब्याज भी दिया जाता है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के पात्रता
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ केवल उन्हीं श्रमिकों को मिलेगा जो ये पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं।
- इस योजना के लिए आवेदन करने वाले श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- श्रमिक की मासिक आय ₹15000 से कम होनी चाहिए।
- इस योजना का लाभ केवल असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मिलेगा। इसमें किसान, निर्माण कार्य करने वाले श्रमिक, मछुआरे, पशुपालक, बुनकर, सफाई कर्मी, सब्जी और फल विक्रेता आदि शामिल हैं।
- जो श्रमिक पहले से ही EPFO, NPS या ESIC के अंतर्गत आते हैं, वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
इस योजना के लिए आवेदन करते समय, श्रमिक को कुछ जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं, जैसे:
- आधार कार्ड
- बैंक खाता पासबुक
- मोबाइल नंबर
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में आवेदन कैसे करें?
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया बेहद आसान है। श्रमिक इन स्टेप्स का पालन करके इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- श्रमिक को अपने निकटतम जन सेवा केंद्र (CSC) में जाना होगा, जहां से वह योजना के लिए आवेदन कर सकता है।
- श्रमिक को आवश्यक दस्तावेजों के साथ CSC पर जाकर आवेदन करना होगा। CSC के अधिकारी द्वारा दस्तावेज़ों की जांच और आवश्यक जानकारी ली जाएगी।
- अधिकारी श्रमिक की जानकारी लेकर आवेदन फॉर्म भर देगा और फार्म का प्रिंट आउट श्रमिक को दे देगा।
- श्रमिक को योजना के तहत निर्धारित प्रीमियम का भुगतान करना होगा, जो उसकी आयु के अनुसार होगा। यह प्रीमियम LIC कार्यालय में जमा किया जाएगा।
- जब श्रमिक 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेगा, तो उसे हर महीने ₹3000 की पेंशन मिलने लगेगी।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का सेल्फ एनरोलमेंट कैसे करें?
श्रमिक इस योजना के लिए ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए इन स्टेप्स का पालन करें।
- श्रमिक को श्रम योगी मानधन योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- वेबसाइट पर ‘सेल्फ एनरोलमेंट’ का विकल्प चुनकर, अपना मोबाइल नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज करें।
- फॉर्म में मांगी गई जानकारी को सही-सही भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- फॉर्म को जमा करने के बाद, श्रमिक को अपने आवेदन का प्रिंट आउट लेकर सुरक्षित रखना होगा।